आशियाने की आस में ठोकरें खा रहे 60 हजार फ्लैट खरीदार
एक जमाने में गौतमबुद्ध नगर में आम्रपाली और जेपी बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश करना सपने के सच होने जैसा था, लेकिन खुशी ज्यादा दिन तक बनी नहीं रह पाई जब पता चला कि बिल्डर डिफॉल्टर हो गए हैं। इसके बाद सड़कों पर आंदोलन शुरू हुआ और मामला कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट से आस लगी कि अब जल्दी ही बेड़ा पार लगेगा, लेकिन यहां भी वर्षों गुजर गए।
इनमें से कई खरीदार तो अब इस दुनिया में भी नहीं है। वर्तमान में आम्रपाली के करीब 40 हजार और जेपी के करीब 20 हजार खरीदार जहां थे, वहीं के वहीं खड़े दिख रहे हैं। बस आश्वासनों का पिटारा नजर आ रहा है और खरीदार ठोकरें खा रहे हैं। प्रस्तुत है रिपोर्ट...
मामला कोर्ट में है हम कुछ नहीं कर सकते...
आम्रपाली और जेपी के खरीदारों का दुख यह है कि वह जहां भी और जिस एजेंसी के पास जाते हैं वहां से एक रटारटाया जवाब आता है कि मामला कोर्ट में है हम कुछ नहीं कर सकते। प्राधिकरणों की ओर से इस मसले पर कोई प्रयास नहीं किया जाता। अब तो वह भी कह रहे कि कोर्ट का जो निर्देश आएगा उसके मानेंगे।
स्ट्रेस फंड की लिस्ट से बाहर होने का सता रहा दर्द
आम्रपाली के खरीदारों का दर्द यह है कि उन्होंने ही आंदोलनों के दौरान केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से स्ट्रेस फंड की मांग की थी। स्ट्रेस फंड जैसे शब्द वही लेकर आए थे, लेकिन अब जब सरकार की ओर से 25 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा में उनका ही प्रोेजेक्ट तकनीकी तौर पर इस लिस्ट से बाहर हो गया है।
छह माह से चल रही रजिस्ट्री की बात
आम्रपाली के खरीदारों का कहना है कि छह महीने से रजिस्ट्री की बात चल रही है, लेकिन अभी तक एक भी रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद एक समय एक माह में रजिस्ट्री शुरू कराने का आदेश दिया था। मामले में कोर्ट रिसीवर तक तैनात हो चुका है। हालांकि, आम्रपाली सफायर फेज-1 और 2 के खरीदारों के दस्तावेज का सत्यापन होने के बाद रजिस्ट्री की बात फिर से उठी है।
जब्ती और नीलामी के आदेश का क्या हुआ
कोर्ट ने आम्रपाली के मामले में बिल्डर की संपत्तियों की जब्ती और नीलामी के आदेश दिए। उस दौरान ऐसा लगा कि अब पूरी संपत्ति नीलाम होगी और उससे मिलने वाले पैसे से काम तुरंत शुरू हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। नीलामी का प्रयास भी हुआ, लेकिन अब उसका भी परिणाम नहीं दिख रहा है। खरीदारों की आस इस वजह से टूटती दिख रही है।
काम कब तक शुरू होगा, फंड कहां से मिलेगा
आम्रपाली मामले में कोर्ट ने एनबीसीसी को तुरंत काम शुरू करने के आदेश दिए थे, लेकिन एनबीसीसी ने फंड जुटाने की बात कही। अभी के हालात में किसी भी प्रोजेक्ट में काम शुरू होता नहीं दिख रहा है, जबकि एनबीसीसी ने अपने प्लान में छोटे प्रोजेक्टों से काम शुरू करने के बाबत अपनी रिपोर्ट दी थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। केवल आश्वासनों का दौर चल रहा है।